फ्रैंचाइजी क्या है? इसके प्रकार फायदे एवं FRANCHISE कैसे शुरू करें,फ्रैंचाइज़ी बिज़नेस कैसे काम करता है?,Franchise खोलने के लिए जरूरी दस्तावेज,फ्रैंचाइजी के प्रकार,Franchise बिजनेस के फायदे,Franchise बिजनेस के नुकसान,Franchise लेने के लिए नियम और शर्तें,Franchise लेने के लिए क्या करना पड़ता है?,Franchise लेते समय किन बातो का ध्यान रखे
फ्रैंचाइजी क्या है?:-
फ्रैंचाइज़िंग एक व्यवसाय का विस्तार करने और उच्च उपभोक्ता मांग को पूरा करने के लिए वस्तुओं और सेवाओं के वितरण के लिए एक प्रणाली है यह पहले से ही स्थापित व्यवसाय प्रणाली को कुशलतापूर्वक और सफलतापूर्वक विस्तारित करने के लिए ब्रांड के मालिक और स्थानीय ऑपरेटर के बीच संबंधों पर आधारित है।
फ्रैंचाइज़ी बिज़नेस कैसे काम करता है?:-
फ्रैंचाइजी क्या है? फ्रैंचाइज़ी बिज़नेस कैसे काम करता है इसकी जानकारी के लिए जाने की अगर कोई कंपनी है जो कोई प्रोडक्ट या सर्विस का बिज़नेस करती है और वो अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा कस्टमर नेटवर्क बनाने के बारे में सोचती है कस्टमर नेटवर्क बनाने के लिए उसे पुरे देश के हर छोटे बड़े इलाके के अपना एक फ्रैंचाइज़ी शुरू करती है वो अपना सारा मॉल या सर्विस फ्रैंचाइज़ी में भेजती है और फ्रैंचाइज़ी से वो सभी चीज़े आगे कस्टमर तक पहुँचती है।
एक फ्रैंचाइज़ी की उस प्रणाली की सफलता के लिए चार प्रमुख जिम्मेदारियाँ होती हैं जिसमें उन्हें फ्रैंचाइज़ी दी जाती है:-
1.सिस्टम ऑपरेटिंग मानकों के सख्त अनुपालन में व्यवसाय का संचालन करके फ्रैंचाइज़ी ब्रांड की रक्षा करना|
2.केवल स्वीकृत उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करके और बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान करके एक मजबूत और वफादार ग्राहक आधार बनाने के लिए सर्विस देना|
3.यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी कर्मचारियों को उचित रूप से प्रशिक्षित किया गया है और फ्रैंचाइज़ी हर समय उचित रूप से कार्यरत है|
4.फ़्रैंचाइज़र द्वारा प्रदान किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार फ़्रैंचाइज़ी और उसके स्वीकृत उत्पादों और सेवाओं का विज्ञापन और प्रचार करना|
Franchise खोलने के लिए जरूरी दस्तावेज:-
1.पहचान पत्र
2.आधार कार्ड
3.पैन कार्ड
4.फोटो
5.बैंक डिटेल की जानकारी
6.फ्रेंचाइजी डिस्क्लोजर डॉक्यूमेंट
7.समझौता पत्र( कंपनी और आपके बीच)
फ्रैंचाइजी के प्रकार:-
1. प्रोडक्ट फ्रैंचाइजी :-
प्रोडक्ट फ्रैंचाइजी की यदि हम बात करें तो फ्रैंचाइजी का यह प्रकार सबसे पुराना एवं शुरूआती प्रकार है। इसके तहत उत्पादों के निर्माणकर्ता द्वारा डीलरों को स्वयं द्वारा उत्पादित उत्पादों को वितरित करने का अधिकार दिया जाता है।
इस प्रकार का अधिकार प्राप्त करने के लिए अर्थात डीलर द्वारा निर्माणकर्ता के ट्रेडमार्क वाले सामान को बेचने का अधिकार प्राप्त करने के लिए निर्माणकर्ता को कुछ शुल्क का भुगतान किया जाता है। हालांकि इस तरह का यह FRANCHISE BUSINESS कई औद्योगिक क्षेत्रों में प्रचलित है लेकिन पेट्रोलियम और ऑटोमोबाइल उद्योगों में भी यह काफी लोकप्रिय है।
2. मैन्युफैक्चरिंग फ्रैंचाइजी:-
फ्रैंचाइजी के इस प्रकार के अंतर्गत फ्रैंचाइजी लेने वाले व्यक्ति को लाइसेंस लेकर फ्रेंचाइजर का नाम एवं ट्रेडमार्क के साथ उत्पादों का उत्पादन करने एवं उन्हें मार्किट करने की अनुमति मिल जाती है। इस तरह का यह FRANCHISE BUSINESS करने वाले उद्यमी उत्पादों की मार्केटिंग के लिए राष्ट्रीय विज्ञापन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस प्रणाली में मूल रूप से उत्पाद का स्वामित्व रखने वाली कंपनी अर्थात फ्रैंचाइजर को फ्रैंचाइजी द्वारा फ्रैंचाइजी शुल्क और बेची गई इकाइयों पर एक निश्चित भुगतान प्रदान किया जाता है। खाद्य एवं पेय उद्योगों में इस तरह का यह प्रकार काफी प्रचलित है।
3. बिजनेस फ्रैंचाइजी वेंचर:-
फ्रैंचाइजी के इस प्रकार के तहत फ्रैंचाइजी द्वारा द्वारा फ्रेंचाइजर से उत्पाद खरीदकर ग्राहकों को बेचे जाते हैं। ऐसे मामलों में मूल कंपनी द्वारा फ्रैंचाइजी को अपना कस्टमर बेस प्रदान किया जाता है। जिन्हें फ्रैंचाइजी को बनाये रखने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार की फ्रैंचाइजी का एक प्रमुख उदाहरण वेंडिंग मशीन की फ्रैंचाइजी है। क्योंकि फ्रैंचाइजी फ्रेंचाइजर से वेंडिंग मशीन खरीदती है और उन्हें बेचने एवं सर्विसिंग करने के लिए जिम्मेदार होती है।
4. बिजनेस फॉर्मेट फ्रैंचाइजी :-
भारत में FRANCHISE BUSINESS करने का यह बेहद पसंदीदा तरीका है क्योंकि इस प्रणाली में फ्रैंचाइजी को एक बेहद सफल व्यवसायिक मॉडल मिलता है जो एक पसंदीदा ब्रांड एवं उत्पाद द्वारा समर्थित होता है ।
मूल कंपनी या ब्रांड द्वारा फ्रैंचाइजी को बिजनेस स्थापित करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण एवं सहायता प्रदान किया जाता है। इसके अलावा फ्रेंचाइजर द्वारा माल की सप्लाई की जाती है और फ्रैंचाइजी से रॉयल्टी शुल्क इत्यादि प्राप्त किया जाता है। फ्रेंचाइजर द्वारा फ्रैंचाइजी को कच्चे माल एवं उत्पाद भी प्रदान किये जाते हैं और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए लगातार कोशिश की जाती है। इस प्रकार की फ्रैंचाइजी के प्रमुख उदाहरण फास्ट फूड चेन हैं।
Franchise बिजनेस के फायदे:-
1.किसी कंपनी की Franchise अगर आप लेते हैं तो आपको बिजनेस करने के तरीके पता लगेंगे साथ ही साथ एक सक्सेसफुल कंपनी कैसे बना सकते हैं उसका भी आईडिया लगेगा|
2. फ्रेंचाइजी लेने के बाद आपको मार्केटिंग करने की जरूरत नहीं पड़ती यह काम आप के लिए वह कंपनी ही कर देती है जिसकी आफ Franchise लेते हैं|
3.आपको कस्टमर्स लाने का झंझट नहीं रहता क्योंकि एक फेमस ब्रांड को पहले से ही लोग जानते हैं और उसी ब्रांड का सामान लेना पसंद करते हैं|
4.आपको बारगेनिंग करने की भी जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि आपको फायदा उतना ही होना है|
5.फ्रेंचाइजी लेकर अब बिजनेस करने की तकनीक को समझ जाते हैं उसके बाद आप अनेक बिजनेस खुद से ही स्टार्ट करके बड़ा बना सकते हैं|
6.प्रोडक्ट बनाने से लेकर उसके मार्केटिंग करने का पूरा काम उस ब्रांड का होता है जिसकी आप फ्रेंड चाय पी लेते हैं और जितना आपका प्रोडक्ट बिकेगा आपको उतना ज्यादा मुनाफा होगा|
Franchise बिजनेस के नुकसान:-
1.बड़ी-बड़ी कंपनियां और ब्रांड अपनी Franchise देने के लिए आपसे सिक्योरिटी फीस के तौर पर बहुत सारा पैसा मांगती हैं और वह पैसे आपको किसी भी
हाल में देने ही पड़ते हैं|
2.जब तक आपका व्यापार अच्छे से चलने नहीं लग जाता तब तक आपके जेब से पैसे लगते ही रहेंगे|
3.प्रोडक्ट में किसी भी प्रकार की बाहर गए नहीं आप अपनी तरफ से नहीं कर सकते और ऐसे बहुत सारे नियम और शर्त हैं जो आपको किसी भी हाल में मान नहीं पड़ेंगे अगर आप फ्रेंचाइजी लेते हैं |
4.आपके कितने भी प्रोडक्ट्स sell हो आपको एक limited ही परसेंटेज मिलेगा|
5.ऐसी बहुत सारी कंपनियां है जो कम पैसों में भी अपनी फ्रेंचाइजी बेच देती हैं पर ऐसी कंपनियों से सावधान रहें यह फ्रॉड भी हो सकता है|
6.किसी गलत कंपनी की Franchise में invest करके आपको घाटा भी लग सकता है इसलिए जरूरी है किस कंपनी की फ्रेंचाइजी ले रहे हैं उस कंपनी के बारे में आप अच्छे से जान ले|
Franchise लेने के लिए नियम और शर्तें:-
1.किसी भी कंपनी से फ्रेंचाइजी लेने के लिए आपको उस कंपनी को एक निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होता है|
2.डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और पुलिस वेरीफिकेशन फ्रेंचाइजी खोलने के लिए बहुत जरूरी है इसलिए आपके सारे कागजात सही होने चाहिए|
3.बड़ी-बड़ी कंपनियां फ्रेंचाइजी खोलने की जगह का मुआयना करके जाती हैं इसलिए एक उचित स्थान जरूरी है और अब कोशिश करें कि किसी भीड़भाड़ वाले इलाके में ही अपना दुकान जमाए|
4.फ्रेंचाइजी बांड साइन करने के बाद आपके बिजनेस में किसी भी प्रकार का कोई भी समझौता माने नहीं होगा इसलिए नियम व शर्तें अच्छे से पढ़ ले क्योंकि आगे चलकर आपको उन्हें मानना पड़ेगा।
5.आपको कंपनी के कहे अनुसार प्रत्येक उत्पाद बिकने पर कंपनी को उसका प्रतिशत हर महीने टाइम से देना होगा।
Franchise लेने के लिए क्या करना पड़ता है?:-
1. आपको सबसे पहले अपनी Company-Farm का Registration करवाना पड़ेगा वो चाहे partner-ship हो या आपकी अकेले की हो|
2. GST Number लेना पड़ेगा|
3. Investment निवेश की जरूरत|
4. जगह ऑफिस के लिए भी गोदाम के लिए भी|
Franchise लेते समय किन बातो का ध्यान रखे :-
1.Franchise लेने से पहले आपको उस ब्रांड कि बाज़ार में मांग, कंपनी के कम करने का तरीका. franchise लेने में लगने वाला पैसा और सबसे जरुरी बाद उस franchise का बाज़ार में नाम. होना जरुरी है |
2.franchise हम व्यापार करने एवं मुनाफा कमाने के लिए लेते है तो सबसे पहले हमे इस बारे में जानकारी लेनी होगी के हमे इसमें कितना और किस किस प्रकार से मुनाफा होगा |
3.हमेशा जरुरत के आधार पर ही किसी franchise को ले उद्धरण के तौर पर आप पहले यह देखे कि आपके शहर या गाँव में किस चीज़ कि ज्यादा जरुरत और खपात है और उसी के आधार पर ही किसी franchise का चुनाव करे|