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इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है : इंट्राडे ट्रेडिंग में आवश्यक सावधानियां

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है इंट्राडे ट्रेडिंग के फ़ायदे एवम् नुकसान इंट्राडे ट्रेडिंग में मार्जिन क्या होता है? इंट्राडे ट्रेडिंग किसमें की जाती है  इंट्राडे ट्रेडिंग में आवश्यक सावधानियां  इंट्राडे ट्रेडिंग में मुखिय रूप से काम आने वाली टर्म Limit Order क्या होता है?,Market Order क्या होता है?,Stop Loss क्या होता है?,Barcket Order क्या होता है?

आईये अब हम आज के इस आर्टिकल में इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है ? इंट्राडे ट्रेडिंग में लगने वाला शुल्क आदि के बारे में विस्तार से जानते है|

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है जैसा कि इंट्राडे ट्रेडिंग या डे ट्रेडिंग के नाम से ही पता चलता है कि जिस दिन खरीदा उसी दिन बेचना उसको हम इंट्राडे ट्रेडिंग बोलते हैं भारतीय शेयर बाजार खुलने का समय सुबह 9:15 है जबकि बंद होने का समय 3:15 है तो आप इसी समय के अंतराल पर कोई शेयर खरीदते या बेचते हैं तो वह डे ट्रेडिंग या इंट्राडे ट्रेडिंग माना जाएगा ज़्यादातर ट्रेडर्स जब शेयर मार्केट में ट्रेड करते समय कम समय में मुनाफा कमाने का लक्ष्य रखते है।
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है इंट्राडे ट्रेडिंग में आवश्यक सावधानियां
इसी तरह के लक्ष्य को पूरा करने के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग का ऑप्शन आता है क्योंकि इसके ज़रिये आप एक ही ट्रेडिंग सेशन में अच्छा ख़ासा लाभ कमा सकते है।बस ज़रुरत है तो एक सही लक्ष्य और उसका पूरा करने के लिए सही स्ट्रेटेजी की।अब जब बात कम समय में ज़्यादा पैसे कमाने की आती है तो इसमें कई तरह के जोखिम भी होते है, कई बार ट्रेडर इंट्राडे ट्रेडिंग के जोखिमों से अज्ञात होते है और इसी वजह से काफी नुक्सान कर बैठते है।एक सही स्टॉक का चयन करके, जिसके लिए ज़रूरी होता है सही समझ और ज्ञान से अवगत होना। तो इन सब से अगर हम इंट्राडे ट्रेडिंग के मतलब को समजे तो ये एक तरह का ट्रेड है जिसमे ट्रेडर्स एक सही विश्लेषण के साथ एक ही दिन के अंतर्गत स्टॉक को खरीद और बेच मुनाफा कमा सकता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग में मार्जिन क्या होता है?
इंट्राडे ट्रेड में एक मार्जिन (margin) शब्द का भी प्रयोग होता हैं। यदि आपके पास इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए पर्याप्त धन नहीं है या आप ज्यादा शेयर्स में ट्रेड करना चाहते हैं तो आप अपने स्टॉक ब्रोकर से मार्जिन लेकर ट्रेड सकते है।
उदाहरण के लिए आपके ट्रेडिंग अकाउंट में ₹10,000 हैं। आप कोई शेयर इंट्राडे के लिए ख़रीदते हैं जिसके एक शेयर का मूल्य ₹100 हैं। इस प्रकार आप उस शेयर के 100 ही शेयर खरीद सकते हैं।
लेकिन यदि आपका स्टॉक ब्रोकर आपको 5X का मार्जिन उपलब्ध करवाता हैं तो आप ₹10,000 X 5 = ₹50,000 का ट्रेड कर सकते हैं। इस प्रकार आप 100 की जगह 500 शेयर में ट्रेड कर सकते हैं।
इस प्रकार आप मार्जिन की सहायता से अपने प्रॉफिट को बढ़ा सकते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग किसमें की जाती है
इंट्राडे ट्रेडिंग को आप मुख्य रूप से तीन चीजों में कर सकते हैं.

1 Equity (शेयर या अंश)
आप किसी भी Listed कंपनी के शेयर को आसानी से खरीद व बेच सकते हो. और कंपनी के कुछ प्रतिशत के मालिक बन सकते हो.

उदाहरण के तौर पर माना किसी कंपनी के 1000 शेयर हैं और आप उस कम्पनी के 200 शेयर खरीद लेते हो तो आप उस कंपनी के 20 प्रतिशत के हिस्सेदार बन जाते हो.

2 Commodity (माल)
Commodity का मतलब उन मूल्यवान वस्तुओं से है जो सीमित मात्रा में उपलब्ध होती हैं. जैसे –

  • गोल्ड
  • मेटल
  • आयल
  • एग्रो प्रोडक्ट
  • डिजिटल गोल्ड

3 Currency (मुद्रा)
आप अनेक देशों की मुद्राओं में भी ट्रेडिंग कर सकते हो.

इंट्राडे ट्रेडिंग के फ़ायदे

  • सबसे पहले, अब चूकि इंट्राडे ट्रेडिंग में आप एक ही दिन के अंदर स्टॉक को खरीद और बेच सकते है तो यहाँ पर मार्केट के बंद होने के बाद आपको किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना पड़ता।
  • इसके साथ इंट्राडे ट्रेडिंग में आप शार्ट-सेलिंग कर गिरती हुई मार्केट से भी पैसा कमा सकते है।
  • मार्जिन का उपयोग कर आप इंट्राडे ट्रेडिंग में कम पैसो के साथ भी ज़्यादा ट्रेडिंग कर अपने मुनाफे को बढ़ा सकते है।
  • अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग को सही तरह से समझकर एक सही जानकारी के साथ ट्रेड करे तो इसे आप अपने रोजगार का जरिया भी बना सकते है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान

  • अधिक प्रॉफिट की संभावना के साथ-साथ अधिक नुकसान होने का भी ख़तरा रहता हैं।
  • मार्केट अस्थिरता (market volatility) में नुकसान अधिक हो सकता हैं।
  • रिटर्न्स की अनिश्चिता हमेशा से बनीरहती हैं।
  • इंट्राडे में Emotions का रोल बहुत अधिक होता हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग करने वाले व्यक्ति का मानसिक रूप से सशक्त होना आवश्यक होता हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग में आवश्यक सावधानियां

  • इंट्राडे ट्रेडिंग अगर आप बिना रिसर्च के कर रहे हैं तो यह काफी रिस्क भरा हो सकता है इसलिए पूरी रिसर्च करके ही इंट्राडे ट्रेडिंग में कूदे ।
  • कोई कॉल या एसएमएस पढ़कर फैसला ना लें । इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है
  • स्टॉप लॉस अवश्य लगाएं बिना स्टॉपलॉस के ट्रेडिंग मतलब बिना ब्रेक की गाड़ी चलाने जैसा है जिस में कभी भी एक्सीडेंट हो सकता है ।
  • किसी की बातों में आकर ट्रेड ना करें अपने विवेक तथा रिसर्च से काम ले । इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है|
  • इंट्राडे ट्रेडिंग का एक अर्थ यह भी होता है ले फटाफट दे फटाफट इसलिए पूरी सावधानी बरतें ।

इंट्राडे ट्रेडिंग में मुखिय रूप से काम आने वाली टर्म

Limit Order क्या होता है?
यदि आप किसी शेयर को एक Fixed Price में ख़रीदना या बेचना चाहते हो तो आप Limit Order के द्वारा ऐसा कर सकते है।
उदाहरण के लिए आप IRCTC के शेयर्स को ₹800 पर Buy करना चाहते हैं। जबकि इस स्टॉक की Current Market Price – ₹810 चल रही है। इस कंडीशन में आप लिमिट आर्डर का इस्तेमाल करके Buying Price को ₹800 पर सेट कर सकते है। जैसे ही कोई Seller इस प्राइस पर IRCTC के शेयर्स बेचने के लिए तैयार होता है तो आपका ऑर्डर एक्सीक्यूट हो जाता हैं।

Market Order क्या होता है?
लिमिट आर्डर में आप तय करते हो की आपको किस प्राइस पर शेयर ख़रीदना या बेचना हैं। परन्तु Market Order में आप जो शेयर की Current Price चल रही हैं उस पर अपना आर्डर प्लेस करते हैं।इसमें आपका आर्डर Current Market Price पर एक्सीक्यूट हो जाता हैं।

Stop Loss क्या होता है?
इंट्राडे ट्रेडिंग काफी रिस्की मानी जाती है जितना इसमें आपको प्रॉफिट हो सकता है उतना ही नुकसान होने की संभावनाएं भी रहती है। इसलिए यहां पर स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करना काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। अगर आप स्टॉप लॉस का इस्तेमाल नहीं करते तो आपकी पूरी कैपिटल भी समाप्त हो सकती है। स्टॉप लॉस की मदद से आप यह तय कर लेते हैं कि आप एक निश्चित मात्रा तक ही लॉस करेंगे उसके नीचे आप का आर्डर एग्जीक्यूट हो जाएगा।
उदाहरण के लिए आपके पास में कोल इंडिया के 100 शेयर है जिनकी करंट मार्केट प्राइस ₹150 है। आपने यह रणनीति बनाई या आपकी रिसर्च के आधार पर आपको यह लगता है कि यह शेयर आज 2% ऊपर जाएगा। लेकिन यह शेयर 2% ऊपर जाने के बजाए 3% नीचे गिर जाता है।

इस केस में आप अधिक नुकसान से बचने के लिए अपना स्टॉप लॉस यूज करते हैं और आप ₹145 पर अपना स्टॉप लॉस सेट कर देते हैं। अगर इस प्राइस को कोल इंडिया का शेयर हिट करता है तो आपके शेयर ऑटोमेटिक बिक जायेंगे। इससे आप का लॉस 3% तक ही सीमित हो जाएगा। इसलिए इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करना काफी महत्वपूर्ण होता है।

Cover Order क्या होता है?
कवर ऑर्डर में आप इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान अपना ट्रेड सेट कर सकते हैं। इसमें आप शेयर खरीदते समय ही अपना स्टॉप लॉस भी तय कर सकते हैं।
उदाहरण के तौर पर अगर आपको SBI BANK के शेयर ख़रीदने हैं जो कि ₹450 के मूल्य पर चल रहा है। आप उसे ₹445 में खरीदना चाहते हैं और ₹440 के मूल्य पर स्टॉप लॉस लगाना चाहते हैं तो आप यह दोनों काम एक साथ कवर ऑर्डर के माध्यम से कर सकते हैं।

Barcket Order क्या होता है?
ब्रैकेट ऑर्डर एक एडवांस आर्डर का तरीका है। इसमें आप एक साथ Buy, प्रॉफिट बुकिंग और स्टॉप लॉस के पॉइंट्स लगा सकते हैं।
उदाहरण के तौर पर आप एसबीआई बैंक को ₹450 मैं खरीदकर ₹440 पर स्टॉप लॉस लगा सकते हैं जबकि ₹460 पर प्रॉफिट बुकिंग का आर्डर लगा सकते हैं।इंट्राडे ट्रेडिंग में समय बचाने के लिए ब्रैकेट ऑर्डर सबसे बेस्ट माना जाता है।

 

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