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इक्विटी क्या है? इक्विटी शेयरों के फायदे नुकसान 

इक्विटी क्या है? इक्विटी और डेट में क्या अंतर होता है? इक्विटी ट्रेडिंग क्या है  इक्विटी मार्केट क्या होता है? इक्विटी शेयरों के फायदे  इक्विटी शेयरों के नुकसान 

इक्विटी क्या है?:-
इक्विटी का हिंदी में अर्थ होता है हिस्सेदारी या आपका हिस्सा, आपका शेयर या आपकी ownership अगर किसी कंपनी में आपने पैसा लगाया हुआ है और उस कंपनी के कुछ शेयर आपने खरीद रखे है तो इसका मतलब है कि उस कंपनी में आपकी हिस्सेदारी है या ownership है यानी कि इक्विटी है। मतलब आप उस कंपनी के कुछ हिस्से के मालिक हैं। एक तरह से बोले तो किसी कंपनी में आपका मालिकाना हक ही Equity होती है। इसी मालिकाना हक को हम ownership बोलते हैं।
इक्विटी क्या है?
इक्विटी उस पैसे को कहते हैं जो आप किसी व्यापार को शुरू करते समय लगाते हैं। उस व्यापार में आपकी इक्विटी अलग-अलग प्रतिशत के रूप में हो सकती है। लेकिन किसी भी व्यापार को चलाने के लिए आपको इक्विटी के साथ-साथ डेट (debt) भी लेना पड़ता है जो इक्विटी का पैसा होता हैै उसे इक्विटी कैपिटल कहते हैं और जो डेट होता है उसे हम लायबिलिटी (Liability) कहते हैं|

इक्विटी और डेट में क्या अंतर होता है?:-
एक बिज़नेस को शुरू करने के लिए दो तरीके का पैसा होता एक इक्विटी और दूसरा डेब्ट, लेकिन किसी भी व्यापार को चलाने के लिए आपको इक्विटी के साथ-साथ डेट (debt) भी लेना पड़ता है.
जो इक्विटी का पैसा होता हैै उसे इक्विटी कैपिटल कहते हैं और जो डेब्ट होता है उसे हम लायबिलिटी (Liability) कहते हैं, और लायबिलिटी अपनी नहीं होती हैं.

Assets = Equity + Liability (Debt)

इक्विटी ट्रेडिंग क्या है :-
जब ट्रेडर्स किसी भी कंपनी के सामान्य शेयर को खरीदते या बेचते हैं तो इसे ही इक्विटी ट्रेडिंग कहते हैं. इक्विटी ट्रेडिंग निम्न प्रकार से की जा सकती है –

1 – इक्विटी डिलीवरी (Equity Delivery)
जब निवेशक इक्विटी डिलीवरी में ट्रेडिंग करते हैं तो इसका मतलब होता है कि निवेशक किसी एक ट्रेडिंग सेशन में स्टॉक को खरीदते हैं और दुसरे ट्रेडिंग सेशन में स्टॉक को बेच देते हैं. जैसे आज आपने किसी कंपनी के शेयर ख़रीदे और कल, परसों, 1 हफ्ते बाद, 1 महीने बाद या 1 साल बाद आप कम्पनी के शेयर बेच देते हैं तो यह डिलीवरी इक्विटी कहलाती है. दो अलग – अलग सेशन में इक्विटी ट्रेडिंग करने को इक्विटी डिलीवरी कहते हैं.

2 – इक्विटी इंट्राडे (Equity Intraday)
जब निवेशक एक ही ट्रेडिंग सेशन में स्टॉक खरीदते और बेचते है तो इसे इक्विटी इंट्राडे कहा जाता है. इक्विटी इंट्राडे में निवेशक कुछ घंटों, मिनटों या सेकंड में भी शेयर को खरीदकर बेच सकता है.
अगर आप इक्विटी इंट्राडे में निवेश करते हैं तो आपको एक ही दिन में अपने सभी ट्रेड को पूरा करना होता है. एक दिन में अधिक मुनाफ़ा कमाने के लिए इस प्रकार की ट्रेडिंग की जाती है.

इक्विटी मार्केट क्या होता है?:-
शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट को ही हम ‘इक्विटी मार्केट‘ भी कहते हैं.जब कोई कंपनी निवेशकों के लिए अपने शेयर्स जारी करती है तो उन शेयर्स को ही हम इक्विटी बोलते हैं. वैसे इक्विटी का मतलब ज्यादा कुछ नहीं बस शेयर्स ही होता है. तो जब आप शेयर मार्केट में किसी कंपनी के शेयर को खरीदते या बेचते हैं तो यह कहा जाता है कि आपने किसी कंपनी में इक्विटी ली है। तो हम कह सकते हैं कि जो कंपनी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड होती हैं वह निवेशकों के लिए इक्विटी जारी करती हैं ताकि निवेशक या ट्रेडर्स उनकी कंपनी में हिस्सेदार बन सके। इससे कंपनी के पास इक्विटी देने के बदले ज्यादा से ज्यादा पैसा आएगा और कंपनी अपने नेट प्रॉफिट को बढ़ा पाएगी।

Equity दो चीज़ो से बनती है :-
1) Share Capital
2) Reserves and Surplus

1) Share Capital (शेयर कैपिटल) :-
Share Capital वह पैसा है, जो कंपनी के शेयर उसकी Face Value पर बेचकर जुटाए जाते है।जब भी कंपनी बनाई गई होती है, तब कंपनी के एक शेयर की कीमत जो तय होती है, उसे Face Value कहते है।इसके ऊपर की शेयर की कीमत को प्रीमियम कहा जाता है।

2) Reserves and Surplus :-
Reserve and Surplus वह पैसा है, जो कंपनी मुनाफा कमाकर इकठ्ठा करती है।जैसे अगर कंपनी ने सभी खर्च निकाल के इस साल 10 करोड़ रुपए कमाए तो इस पैसे को कंपनी के Reserves and Surplus में रखा जाता है।जिस से कंपनी खुद अपने व्यापार में निवेश करके कंपनी को आगे बढ़ा सके।कई बार इस पैसे में से कुछ पैसो का उपयोग कंपनी अपने शेयर धारक को Dividend देने में भी करती है।

इक्विटी शेयरों के फायदे :-
1.इक्विटी शेयर लाभांश की एक निश्चित दर का भुगतान करने के लिए कोई दायित्व नहीं बनाते हैं। आप अपने मर्जी के हिसाब से ज्यादा या कम शेयर खरीद सकते हैं।
2.कंपनी की संपत्ति पर कोई शुल्क बनाए बिना इक्विटी शेयर जारी किए जा सकते हैं।
3.यह पूंजी का एक स्थायी स्रोत है तथा कंपनी को परिसमापन के अलावा इसे चुकाना पड़ता है।
4.इक्विटी शेयरधारक कंपनी के असली मालिक हैं जिनके पास मतदान अधिकार है।

इक्विटी शेयरों के नुकसान :-
1.यदि एक बार कंपनी ने इक्विटी शेयर जारी कर दिया तो, कंपनी इक्विटी पर ट्रेडिंग का लाभ नहीं ले सकती है।
2.चूंकि इक्विटी कैपिटल को भुनाया नहीं जा सकता है, इसलिए कैपिटलाइजेशन का खतरा है।
3.इक्विटी शेयरहोल्डर खुद को जोड़-तोड़ तथा व्यवस्थित करके प्रबंधन के लिए बाधाएं डाल सकते हैं।
4.समृद्ध अवधि के दौरान बाजार में शेयरों के मूल्य में वृद्धि के लिए उच्च लाभांश का भुगतान करना पड़ता है तथा यह अटकलों की ओर जाता है।
5.निश्चित आय के साथ सुरक्षित प्रतिभूतियों में निवेश करने की इच्छा रखने वाले निवेशकों को ऐसे शेयरों के लिए कोई आकर्षण नहीं है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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